हाथी और दर्जी

आपने अपनी ज़िंदगी में एक बार तो हाथी ज़रूर देखा होगा। चिड़ियाघर में, टीवी पर या कंप्यूटर पर। हाथी जमीन का सबसे बड़ा जानवर है और ये दक्षिण पूर्व एशिया या अफ्रीका में पाए जाते हैं। अफ्रीका में यह थोड़े छोटे होते हैं और जंगल में रहते हैं। दक्षिण पूर्व एशिया में हाथी को पालतू बनाया जाता है और वह अपनी बुद्धि, दया और ताकत से लोगों की मदद करता है।

हाथी एक बहुत ही मेहनती जानवर है जो हुक्म का पालन करता है। अगर उस पर बैठनेवाला उसके साथ अच्छे से बर्ताव करता है, तो वह बहुत आभारी होगा और उस पर बैठनेवाले की बात मानेगा। वह कभी न थकने वाला, मेहनती और बहुत ज़्यादा ताकतवर जानवर है। हाथी सब कुछ समझते हैं। लेकिन वे अन्याय सहन नहीं कर सकते। ऐसा होने पर उन्हें बहुत गुस्सा आता है। ये कहानी सुनें…

दक्षिण पूर्व एशिया के एक शहर में एक हाथी को नदी के किनारे पानी पीने के लिए सड़कों पर जाने की छूट दी गई थी। उसे घरों की खुली खिड़कियों में अपनी सूंड डालने की आदत थी। कभी-कभी लोग उसे रोटी या फल भी देते थे। वह हर रोज दर्जी के पास से गुजरता था, लेकिन दर्जी उसे कभी भी कुछ भी नहीं देता था।

एक दिन फिर हाथी दर्जी के पास से गुज़रा और वह अपनी सूंड को खिड़की के पास लेकर गया। लेकिन दर्जी एक गुस्से वाला आदमी था, उसने उसे एक सुई चुभाई और कहा: ‘यह तुम्हारे लिए था!’ हाथी पीछे हट गया और शांति से सड़क की ओर जाने लगा, लेकिन हाथी वास्तव में बहुत गुस्से में था और उसने खुद से कहा: ‘देखना मैं तुझे कैसे मज़ा चखाता हूँ!’।

जब हाथी ने नदी के किनारे पानी पी लिया, तो उसने अपने पंजे कीचड़ में उछाले ताकि पानी गंदा हो जाए और वह अपनी सूंड को गंदे पानी से भर सके। वह फिर से दर्जी के पास गया, उसने अपनी सूंड को खिड़की के पास रखा और तब दर्जी उसका मज़ाक उड़ाने लगा: ‘तुम्हें सुई इतनी अच्छी लगी कि तुम वापस आ गए?’

लेकिन जैसे ही दर्जी ने बात करना बंद किया, हाथी ने गंदे पानी को उसके और उसके कर्मचारियों पर डाल दिया। उन्होंने इससे बचने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और वे सब भीग गए थे। और सारे महंगे कपड़े जो वहां रखे हुए थे, वे सब गंदे पानी से खराब हो चुके थे।

जब लोगों ने उसका नुकसान देखा तो पूरा शहर उस दुष्ट दर्जी पर हंसने लगा। उन्होंने कहा: ‘दर्जी को वही मिला जिसका वह हकदार था। उसे उस प्यारे जानवर को नुकसान पहुंचाना ही नहीं चाहिए था’। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि आपको सबके साथ सही से बर्ताव करना चाहिए, खासकर हाथियों के साथ।

आइए हाथियों की दया के बारे में एक और कहानी सुनते हैं। एक बार की बात है जब हाथी को बहुत गुस्सा आया क्योंकि उसके ऊपर बैठनेवाले ने उसे मारा था। वह गुस्से से पागल हो गया, और सड़कों पर भागने लगा। हर कोई हाथी से बच कर भागने लगा। बगीचे में बैठनेवाली एक महिला जो आमतौर पर अपने छोटे बच्चे को हाथी को घास खिलाने देती थी, वो जल्दी-जल्दी में वहां से भाग गई। लेकिन जल्दबाजी में वह अपने बच्चे को वहीं भूल गई।

हाथी सीधे बच्चे की ओर दौड़ता हुआ आ रहा था। सभी को लगा कि हाथी बच्चे को कुचल देगा, लेकिन तभी एक चमत्कार हुआ। हाथी ने बच्चे को पहचान लिया, उसे अपनी सूंड से उठाया और धीरे से बच्चे को मार्केट की एक दुकान की छत पर रखा। हाथी शांत हो गया और वह उसके ऊपर बैठनेवाले वाले व्यक्ति के साथ वापस चला गया।

हालाँकि उसके ऊपर बैठने वाले ने उसके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया था, लेकिन फिर भी हाथी ने उसे माफ कर दिया और फिर कभी भी उसके ऊपर बैठनेवाले ने उसे नहीं मारा।